घरेलू बाजार में मांग आपूर्ति संतुलन को बनाए रखने और चीनी की कीमतों को स्थिर करने के लिए जिससे चीनी मिलों की नकदी स्थिति में सुधार करने से उन्हें किसानों के गन्ना मूल्य बकाया को समाप्त करने में सक्षम बनाया जा सके, दिनांक 01.07.2018 से सरकार ने एक वर्ष के लिए 30 लाख टन चीनी का एक बफर स्टॉक निर्मित किया है। सरकार ऐसे बफर स्टॉक के रखरखाव के लिए चीनी मिलों को 1175 करोड़ रुपये की लागत की प्रतिपूर्ति करेगी। यह सब्सिडी चीनी मिल द्वारा खोले गए नो-लियन बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस नो-लियन खाते से बैंक द्वारा किसानों को देय गन्ना बकाया राशि के रूप में चीनी मिलों की ओर से किसानों के खाते में सीधे अंतरित कर दी जाएगी, जिसके साथ पिछले वर्षों और बाद की शेष राशि से संबंधित बकाया राशि, यदि कोई हो, तो वह भी मिलों के खाते में जमा करा दी जाएगी।