सेंट्रलसेक्टरस्कीम
"स्टोरेज &
गोडाउन”
सरकार
पूर्वोत्तर
क्षेत्र
में
स्थित
राज्यों
में
गोदामों
के
निर्माण
के
लिए
केन्द्रीय
क्षेत्र
की
स्कीम
कार्यान्वित
कर
रही
है,
जिसमें भंडारण
क्षमता
में
वृद्धि
करने
पर
पर
ध्यान
केन्द्रित
किया
गया
है।
यह
स्कीम
अन्य
कुछ
राज्यों
जैसे
हिमाचल
प्रदेश,
झारखंड
तथा
केरल
में
भी
प्रचालित
की
जा
रही
है।
इस
स्कीम
के
अंतर्गत
भूमि
के
अधिग्रहण
तथा
भंडारण
गोदामों
के
निर्माण
एवं
रेलवे
साइडिंग,
विद्युतीकरण,
वे-ब्रिज
की
स्थापना
आदि
जैसी
अवसंरचनात्मक
सुविधाओं
के
लिए
भारतीय
खाद्य
निगम
को
इक्विटी
के
रूप
में
सीधे
निधियां
जारी
की
जाती
हैं।
इसके
अतिरिक्त
जम्मू
और
कश्मीर
सहित
उत्तर-पूर्वी
राज्यों
की
सरकारों
को
इन
राज्यों
के
भंडारण
अंतर
तथा
इनकी
कठिन
भौगोलिक
एवं
जलवायु
परिस्थितियों
को
ध्यान
में
रखते
हुए
मध्यवर्ती
भंडारण
गोदामों
के
निर्माण
के
लिए
अऩुदान
सहायता
के
रूप
में
निधियां
भी
जारी
की
जाती
है।
12वीं
पंचवर्षीय
योजना (2012-17)
के
दौरान
भारतीय
खाद्य
निगम
द्वारा
पूर्वोत्तर
राज्यों
में
1,17,680 टन
तथा
पूर्वोत्तर
को
छोड़कर
अन्य
राज्यों
में
20 हजार
टन
क्षमता
का
कार्य
पूरा
कर
लिया
गया
है।
इसके
अलावा,
राज्य
सरकारों
द्वारा
46,495 टन
क्षमता
का
निर्माण
किया
गया
है।
इस
स्कीम
को
छह
वर्ष
के
लिए
दिनांक
01.04.2017 से
31.03.2023 तक
बढ़ा
दिया
गया
है।
दिनांक
01.04.2017 से 31.03.2022
तक
भारतीय
खाद्य
निगम
द्वारा 65,870
टन
तथा
राज्य
सरकारों
द्वारा 26,890
टन
की
अतिरिक्त
क्षमता
का
निर्माण
कर
लिया
गया
है।
इसका
ब्यौरा
निम्नानुसार
है:-
एजेन्सी
|
राज्य
|
दिनांक 01.04.2017से 31.03.2022तकजारीइक्विटी/
निधियां
(करोड़रुपएमें)
|
दिनांक 01.04.2017से 31.03.2022तक
(टनमें)निर्मितक्षमता
|
|
|
एफसीआई
|
असम
|
161.50
|
20,000
|
|
अरुणाचलप्रदेश
|
3,340
|
|
मणिपुर
|
19,600
|
|
मेघालय
|
-
|
|
मिजोरम
|
-
|
|
नागालैंड
|
4,590
|
|
कुलपूर्वोत्तर
|
47,530
|
|
हिमाचलप्रदेश
|
19.00
|
3,340
|
|
केरल
|
15,000
|
|
झारखंड
|
-
|
|
कुल
|
18,340
|
|
कुल (पूर्वोत्तर +
एक )
|
180.50
|
65,870
|
|
राज्यसरकार
|
असम
|
9.57
|
13,000
|
|
अरुणाचलप्रदेश
|
8.04
|
600
|
|
नागालैंड
|
4.00
|
3,840
|
|
सिक्किम
|
21.29
|
-
|
|
मिजोरम
|
19.22
|
*6,950
|
|
त्रिपुरा
|
6.10
|
*2,500
|
|
कुल (II)
|
68.22
|
26.890
|
|
सकलयोग्य (I)और
(II)
|
248.72
|
92,760
|
|
# एसएफसीज्ञापनकेअनुसार।
*12वींपंचवर्षीययोजनामेंअनुमोदित4,500
मीट्रिकटन
(2,500-मिज़ोरम +
2,000 MT-त्रिपुरा)कीक्षमताशामिलहै।