राज्य खाद्य आयोग के लिए गैर-भवन परिसम्पत्तियों के लिए एक बार की वित्तीय सहायता
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए)की
दिनांक 10.09.2013 को अधिसूचित धारा 16 के अनुसार,प्रत्येक राज्य सरकार,
अधिसूचना द्वारा,
इस अधिनियम के कार्यान्वयन को मानीटर करने और उसका पुनर्विलोकन करने के प्रयोजन के लिए एक राज्य खाद्य आयोग का गठन करेगी। राज्य खाद्य आयोग में एक अध्यक्ष,पांच अन्य सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे जिनके सहयोग
के लिए प्रशासनिक और तकनीकी स्टाफ (2 महिलाएं और अनुसूचित जाति/ जनजाति) होंगे। इस अधिनियम की धारा 18 में यह प्रावधान है कि राज्य सरकार,यदि वह यह आवश्यक समझती है तो,
अधिसूचना द्वारा,
किसी कानूनी आयोग या निकाय को,राज्य खाद्य आयोग या निकाय को राज्य आयोग की शक्तियों का पालन करने के लिए अभिहित कर सकेगी। धारा 19 के अनुसार,केन्द्र सरकार के अनुमोदन से
दो या अधिक राज्य एक संयुक्त राज्य खाद्य आयोग बना सकते हैं।
यदि कोई राज्य केवल अपना खाद्य आयोग स्थापित करने का निर्णय लेता है,
तो ‘’सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण और क्षमता निर्माण,गुण नियंत्रण,
परामर्श और अनुसंधान’’
पर स्कीम के अंतर्गतकेन्द्र सरकार द्वाराराज्य खाद्य आयोग कोगैर-भवन
परिसम्पत्तियों के लिए एक बार की वित्तीय सहायता दी जाती है।यह सहायता गैर-भवन परिसम्त्तियों जैसे फर्नीचर,कार्यालय
उपकरण,कम्प्यूटर आदि के लिए होगी। इनमें कम्प्यूटर,एयरकंडीशनर,फोटोकापी
मशीनें,टेलीफोन,ईपीएबीएक्स
प्रणाली,मेज़,कुर्सी,भंडारण
यूनिट आदि शामिल हो सकते हैं। किसी प्रकार के निर्माण कार्य या किसी आवर्ती व्यय के लिए कोई सहायता नहीं दी जाएगी।
केवल वे राज्य / संघ राज्य क्षेत्र ही वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगे जिन्होंने(i)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अनन्य रूप से राज्य खाद्य आयोग का गठन किया है, (ii)राज्य खाद्य आयोग की समुचित कार्य-व्यवस्था के लिए आवश्वयक स्टॉफ
हेतु पदों का सृजन, (iii) राज्य खाद्य आयोग का गठन करने के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। राज्य खाद्य आयोग के परामर्श से राज्य / संघ राज्य क्षेत्र द्वारा सहायता के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा जिसमें सृजित
किए गए पदों का संपूर्ण विवरण दिया जाएगा जिनमें पदों का नाम और संख्या शामिल होंगी। इस स्कीम के अंतर्गत किसी राज्य / संघ राज्य क्षेत्र को अधिकतम 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जा सकती है। विभागीय समिति द्वारा प्रस्ताव के अनुमोदन होने पर यह सहायता दो
किश्तों में जारी की जाएगी। पहली किश्त के तौर पर 75%
सहायता जारी की जाएगी और उपयोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए जाने के बाद25%
की दूसरी किश्त जारी की जाएगी।
राज्य खाद्य आयोग को एक बार की वित्तीय सहायता देने के लिए बजट प्रावधान
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बजट की राशि
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वास्तविक व्यय
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(लाख रु. में)
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2015-16
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75
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शून्य
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2016-17
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100
|
55.62
|
2017-18
|
NIL
|
शून्य
|
2018-19
|
185
|
184.43
|
2019-20
|
300
|
128.13
|
2020-21
|
200.50
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शून्य (दिनांक 8 दिसम्बर 2020की
स्थिति के अनुसार)
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अभी तक राज्य खाद्य आयोग को दिया गया अग्रिम:
क्र. सं.
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राज्य का नाम
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स्वीकृति की तारीख
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राशि (लाख
रु. में)
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1.
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बिहार
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05.08.2016
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34.19
|
2.
|
ओडिशा
|
05.08.2016
|
21.43
|
3.
|
झारखंड
|
11.09.2018
|
10.00
|
|
|
30.10.2018
|
27.50
|
4.
|
उत्तर प्रदेश
|
11.09.2018
|
10.00
|
|
|
30.10.2018
|
27.50
|
5.
|
पंजाब
|
11.09.2018
|
10.00
|
|
|
30.10.2018
|
24.43
|
6.
|
आंध्र प्रदेश
|
11.09.2018
|
10.00
|
|
|
30.10.2018
|
27.50
|
7.
|
छत्तीसगढ़
|
11.09.2018
|
10.00
|
|
|
30.10.2018
|
27.50
|
8.
|
कर्नाटक
|
17.06.2019
|
37.50
|
9.
|
मेघालय
|
17.06.2019
|
15.63
|
10.
|
महाराष्ट्
|
17.06.2019
|
37.50
|
11.
|
गुजरात
|
11.03.2020
|
37.50
|