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क. आयात

1.1 गेहूँ
1.1 नीति

गेहूं का आयात मुक्‍त है।


1.2 शुल्‍क संरचना

दिनांक 28.06.2006 को गेहूं पर आयात शुल्क 50% से घटाकर 5% किया गया था। इसके बाद, गेहूं पर आयात शुल्क में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं:


1.3 आयात के मात्रा
  1. केंद्रीय पूल में कमी को पूरा करने के लिए वर्ष 2006-07 में गेहूं की 54.54 लाख टन मात्रा और वर्ष 2007-08 में 17.69 लाख टन का आयात किया गया।
  2. वर्ष 2008-09 से केन्‍द्रीय पूल के लिए गेहूं का कोई आयात नहीं किया गया है।

2. चावल 
2.1 नीति

आनुवांशिक रूप से संशोधित (जीएम) चावल का आयात प्रतिबंधित है। भारत में चावल के आयात की अनुमति केवल तभी होती है, जब आयातक, निर्यातक देश की सरकार के सक्षम प्राधिकारी से यह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में समर्थ होता है कि निर्यात किया गया चावल गैर-जीएम है।


2.2 शुल्‍क संरचना
  1. दिनांक 01.03.2008 से 30.03.2009 तक आयात शुल्क शून्य था।
  2. दिनांक 31.03.2009 से सेमी मिल्ड अथवा पूर्ण मिल्ड चावल पर मूल्यानुसार 70% के मूल सीमा शुल्क टैरिफ पर आयात शुल्क लगाया गया था।
  3. चावल पर आयात शुल्क दिनांक 14.10.2009 से घटाकर शून्य किया गया और दिनांक 30.09.2011 तक शून्‍य रखा गया था।
  4. गैर-बासमती चावल पर आयात शुल्क दिनांक 01.10.2011 से 70% के मूल टैरिफ पर लगाया गया है।

2.3 आयात के मात्रा

वर्ष 2000-2001 से केन्‍द्रीय पूल के स्टॉक के लिए चावल का कोई आयात नहीं किया गया था।


3. चीनी 
3.1 नीति

चीनी एक आवश्‍यक वस्‍तु है। आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम, 1955 के अधीन इसका वितरण, मिलों से सुपुर्दगी, बिक्री सरकार द्वारा विनियमित की जाती थी।


3.2 शुल्‍क संरचना

चीनी का आयात मार्च, 1994 में शून्य शुल्‍क पर खुले सामान्‍य लाइसेंस के अधीन रखा गया था और यह 27.04.1998 तक शून्य शुल्क के साथ जारी रखा गया था। सरकार ने 28 अप्रैल, 1998 से आयात की गई चीनी पर 5% मूल सीमा शुल्‍क और 850.00 रुपए प्रति टन की दर से प्रति संतुलनकारी शुल्‍क (काउंटरवेलिंग ड्यूटी) लगाया था। प्रति संतुलनकारी शुल्‍क के अतिरिक्‍त, 14.01.1999 से मूल सीमा शुल्‍क 5% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया। वर्ष 1999-2000 के केन्‍द्रीय बजट में, आयात की गई चीनी पर शुल्‍क 20% से और बढ़ाकर 25% कर दिया गया था और इस पर 10% अधिभार लगा दिया गया था। चीनी के आयात पर सीमा शुल्‍क पुन: बढ़ाकर 30.12.1999 को 40% और 09.02.2000 को 60% कर दिया गया और साथ ही 950 रुपए प्रति टन के प्रति संतुलनकारी शुल्‍क (01.03.2008 से) एवं 3% शिक्षा उपकर भी जारी रखा गया था।


चीनी मौसम 2008-09 के दौरान चीनी के उत्पादन में गिरावट आई थी और चीनी के घरेलू स्टॉक को बढ़ाने के लिए केन्द्रीय सरकार ने चीनी मिलों द्वारा शून्य शुल्क पर अग्रिम प्राधिकार स्कीम के तहत दिनांक 17.02.2009 से 30.09.2009 तक रॉ शुगर के आयात तथा दिनांक 17.04.2009 से खुले सामान्य लाइसेन्स के अंतर्गत शून्य शुल्क पर रॉ शुगर के आयात की अनुमति प्रदान की थी, जिसे 30.06.2012 तक जारी रखा गया था। इसके पश्चात दिनांक 13.07.2012 से चीनी के आयात पर 10 प्रतिशत की मॉडरेट दर से पुन: शुल्क लगाया गया जो बाद में बढ़ाकर 08.07.2013 से 15% कर दिया गया। देश में चीनी का अधिशेष स्टाक होने के कारण और किसी संभावित आयात को रोकने के लिए सरकार ने 21.08.2014 से आयात शुल्क 15% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया था, जिसे बाद में दिनांक 30.04.2015 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया था, जिसे तत्पश्चात दिनांक 10.07.2017 से 50% तक बढ़ा दिया गया था। इसके अलावा, दिनांक 06.02.2018 से इसे 50% से बढ़ाकर 100% कर दिया गया था।


3.3 आयात के मात्रा

डीजीसीआईएस, कोलकाता द्वारा प्रकाशित सूचना के अनुसार चीनी मौसम 2010-11 से चीनी का आयात निम्‍नानुसार है:


4. खाद्य तेल
4.1 नीति

खाद्य तेल का आयात खुले सामान्‍य लाइसेंस के तहत होता है।


4.2 शुल्‍क संरचना

स्रोत: राजस्व विभाग द्वारा यथा अधिसूचित


4.3 आयात संबंधी मात्रा

(मात्रा मिलियन टन में)


* कृषि मंत्रालय 

** वाणिज्‍यक आसूचना एवं सांख्‍यिकी महानिदेशालय (वाणिज्‍य मंत्रालय) 

# अंतिम अनुमानों के आधार पर (कृषि मंत्रालय द्वारा 27.02.2018 को घोषित)

## चौथे अग्रिम अनुमानों के आधार पर (कृषि मंत्रालय द्वारा 28.08.2018 को घोषित)