राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम
सरकार ने संसद द्वारा पारित, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम,2013 दिनांक 10 सितम्बर,2013 को अधिसूचित किया है,जिसका उद्देश्य एक गरिमापूर्ण जीवन जीने
के लिए लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता के खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराते हुए उन्हें मानव जीवन-चक्र दृष्टिकोण में खाद्य और पौषणिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस अधिनियम में,लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस)
के अंतर्गत राजसहायता प्राप्त खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए 75%ग्रामीण आबादी और 50%शहरी आबादी के कवरेज का प्रावधान है,इस प्रकार लगभग दो-तिहाई आबादी कवर की जाएगी। पात्र व्यक्ति चावल/ गेहूं/मोटे
अनाज क्रमश: 3/ 2/1 रूपए प्रति किलोग्राम के राजसहायता प्राप्त मूल्यों पर 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति व्यक्ति प्रति माह प्राप्त करने का हकदार है। मौजूदा अंत्योदय अन्न योजना परिवार,जिनमें निर्धनतम व्यक्ति शामिल हैं,35
किलोग्राम खाद्यान्न प्रति परिवार प्रति माह प्राप्त करते रहेंगे।
इस अधिनियम में महिलाओं और बच्चों के लिए पौषणिक सहायता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं गर्भावस्था के दौरान तथा बच्चे के जन्म के 6 माह बाद भोजन के अलावा कम से कम 6000 रूपए का मातृत्व लाभ प्राप्त
करने की भी हकदार हैं। 14 वर्ष तक की आयु के बच्चे भी निर्धारित पोषण मानकों के अनुसार भोजन प्राप्त करने के हकदार हैं। हकदारी के खाद्यान्नों अथवा भोजन की आपूर्ति नहीं किए जाने की स्थिति में लाभार्थी खाद्य सुरक्षा भत्ता प्राप्त करेंगे। इस अधिनियम में जिला
और राज्य स्तरों पर शिकायत निपटान तंत्र के गठन का भी प्रावधान है। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भी इस अधिनियम में अलग से प्रावधान किए गए हैं।
अधिनियम के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति
अब यह अधिनियम सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में क्रियान्वित किया जा रहा है और 81.34 करोड़ व्यक्तियों के लक्षित कवरेज में से 80.72 करोड़ व्यक्ति कवर किए जा रहे हैं। चंडीगढ़, पुडुचेरी में और दादरा व नगर हवेली में
अधिनियम नकद अंतरण विधि में क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसके अधीन खाद्य राजसहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा की जाती है। इसके बाद उनके पास खुले बाजार से खाद्यान्न खरीदने का विकल्प होता है।
राज्य खाद्य आयोगों के लिए गैर-भवन परिसम्पत्तियों के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) में यह प्रावधान है कि प्रत्येक राज्य सरकार इस अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी एवं समीक्षा के प्रयोजनार्थ अधिसूचना द्वारा एक राज्य खाद्य आयोग का गठन करेगी। यह निर्णय
लिया गया है कि किसी राज्य द्वारा एक विशेष राज्य खाद्य आयोग का गठन करने का निर्णय लिए जाने के मामले में,केन्द्र सरकार राज्य खाद्य आयोग के लिए गैर-भवन परिसम्पत्तियों हेतु एकबारगी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। तदनुसार,इस
विभाग की अम्ब्रेला स्कीम''सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण''के अंतर्गत एक घटक अर्थात''राज्य खाद्य आयोगों के लिए गैर-भवन परिसम्पत्तियों हेतु राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता''शामिल
किया गया है। इस घटक के अंतर्गत गैर-भवन परिसम्पत्तियों जैसे फर्नीचर,आफिस उपकरण,कंप्यूटरों आदि के लिए सहायता उपलब्ध है। इनमें कम्प्यूटर,एयर कंडीनशर,फोटोकापी मशीनें,फैक्स
मशीनें, टेलीफोन,ईपीएबीएक्स सिस्टम,टेबल,कुर्सियां,स्टोरेज यूनिट आदि को शामिल किया जा सकता है। इस स्कीम के अंतर्गत किसी भी निर्माण कार्य अथवा
किसी आवर्ती व्यय के लिए सहायता प्रदान नहीं की जाती है।
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