राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) द्वारा लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार लाने के लिए खाद्य पात्रता प्रदान करने के लिए नकद अंतरण जैसी स्कीमों सहित प्रदान की जाती हैं। नकद अंतरण के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 12 के प्रावधानों के में, सरकार ने अगस्त, 2015 में ‘खाद्य राजसहायता का नकद अंतरण नियम, 2015’ अधिसूचित किया। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण का उद्देश्य है (i) अधिक मात्रा में खाद्यान्नों की वास्तविक आवाजाही को कम करना (ii) अपनी खपत का चुनाव करने के लिए लाभार्थियों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करना (iii) आहार में विविधता को बढ़ाना (iv) लीकेज को कम करना (v) बेहतर लक्ष्य की सुविधा प्रदान करना (vi) वित्तीय समावेशन को बढ़ाना। चंडीगढ़ और पुड्डुचेरी के संघ राज्य क्षेत्रों और दादरा व नगर हवेली के कुछ हिस्सों में मार्च, 2016 में खाद्यान्न में प्रत्यक्ष नकद अंतरण की शुरूआत की गई थी। इन संघ राज्य क्षेत्रों में, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को नकद अंतरण माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत पात्र परिवारों के बैंक खातों में राजसहायता के समकक्ष नकद राशि को सीधे ही अंतरित किया जाता है ताकि वे खुले बाजार से खाद्यान्न खरीद सकें। राज्यों /संघ राज्य क्षेत्रों के लिए यह स्कीम वैकल्पिक है और किसी राज्य संघ राज्य क्षेत्र के ‘पहचान किए क्षेत्रों’ अथवा राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी विनिर्दिष्ट क्षेत्र में प्रचालित की जाती है और इस स्कीम के कार्यान्वययन के लिए राज्य सरकार की लिखित अनुमति होनी चाहिए। इस स्कीम के अंतर्गत कवर नहीं किए गए शेष क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्नों के वितरण की मौजूदा प्रणाली को जारी रखा जा सकता है।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के अंतर्गत जारी वार्षिक नकदी राजसहायता
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के अंतर्गत वार्षिक नकद राशि जारी किया जाना
(करोड़ रूपए में)
2015-16
2016-17
2017-18
2018-19
2019-20
चंडीगढ़
12.33
28.04
34.50
37.38
41.35
पुदुच्चेरी
46.64
99.11
107.35
116.84
130.40
दादरा व नगर हवेली
0.35
5.21
5.01
5.23
6.38
कुल
59.31
132.35
146.86
159.45
178.13