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गोदामों के निर्माण के लिए योजना स्कीम

विभाग पूर्वोत्तर क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए गोदामों के निर्माण के लिए एक योजना स्कीम कार्यान्वित कर रहा है। 11वीं पंचवर्षीय योजना की स्कीम को अंतिम रूप देते समय इस स्कीम के कार्यक्षेत्र को हिमाचल प्रदेश, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप जैसे राज्यों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया था।

इसके अलावा, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर को उनकी कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ब्लॉक/तालुका स्तर पर मध्यवर्ती भंडारण गोदामों के निर्माण के लिए योजना निधि प्रदान करता आ रहा है।

योजना स्कीम के अंतर्गत, भूमि अर्जन और भण्डारण गोदामों के निर्माण तथा रेलवे साइडिंग, विद्युतीकरण, वे-ब्रिज आदि जैसी संबंधित बुनियादी सुविधाओं के लिए भारतीय खाद्य निगम को निधि ईक्विटी के रूप में जारी की जाती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र की राज्यय सरकारों और जम्मू-कश्मीर की राज्यई सरकार को उनके द्वारा मध्यवर्ती भण्डा‍रण गोदामों के निमार्ण के लिए निधियां सहायता अनुदान के रूप में जारी की जाती हैं।

12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए योजना परिव्यिय निम्नानुसार है:

शीर्ष अनुमानित लागत (करोड़ रुपए में) 11वीं योजना में खर्च न की गई शेष राशि (करोड़ रुपए में) 12वीं योजना में परिव्यय (करोड़ रुपए में)
पूर्वात्तर क्षेत्र में 37 स्थानों पर एफसीआई द्वारा गोदामों का निर्माण (2,92,730 टन) 509.76 51.2 458.56
4 अन्या राज्यों में 9 स्थानों पर एफसीआई द्वारा गोदामों का निर्माण (76,220 टन) 72.14 16.06 56.08
74 स्थाकनों पर मध्योवर्ती भण्डार के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को सहायता अनुदान 14.36 0 14.36
एक स्थान पर मध्यवर्ती भंडारण के लिए जम्मू-कश्मीर को सहायता अनुदान 1 0 1
कुल 597.26 67.26 530

2012-2013 और 2013-2014 के दौरान भारतीय खाद्य निगम की भौतिक और वित्तीय उपलब्धियां:

वर्ष पूर्वोत्तर क्षेत्र
भौतिक
(टन में)
पूर्वोत्तर क्षेत्र
वित्तीय
(करोड़ रु. में)
अन्य राज्य
भौतिक
(टन में)
अन्य राज्य
वित्तीय
(करोड़ रु. में)
जोड़ (पूर्वोत्तार + अन्य राज्यो)
भौतिक
(टन में)
जोड़ (पूर्वोत्तार + अन्य राज्यो)
वित्तीय
(करोड़ रु. में)
2012-13 2910 27.72 1160 2.64 4070 30.36
2013-14 2500 30.94 20000 11.02 22500 41.96
कुल 5410 58.66 21160 13.66 26570 72.32

पूर्वोत्‍तर राज्यों तथा जम्मू -कश्मी र में सहायता अनुदान का उपयोग करते हुए मध्य्वर्ती भंडारण गोदामों का निर्माण करने के लिए 78,055 टन क्षमता की कुल 75 परियोजनाएं स्वीाकृत की गई थीं। दिनांक 30.06.2014 की स्थिति के अनुसार, 33,220 टन क्षमता का निर्माण पूरा हो गया है।

पूर्वोत्‍तर राज्‍यों, सिक्किम तथा जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकारों को सहायता अनुदान

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग योजना स्कीम के अधीन मध्यवर्ती भंडारण गोदामों का निर्माण करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मींर की राज्य सरकारों को सहायता अनुदान के रूप में निधि जारी करता है। दिनांक 01 अक्तू्बर, 2014 की स्थिति के अनुसार जारी की गई निधि और सृजित की गई क्षमता की स्थिति निम्नानुसार है :-

01 अक्तूबर, 2014 की स्थिति के अनुसार

राज्य का नाम परियोजनाओं की संख्या सृजित की जाने वाली कुल क्षमता
(टन)
अनुमानित लागत
(करोड़ रु.में)
जारी की गई निधि
(करोड़ रु.में)
प्राप्त उपयोग प्रमाण-पत्र
(करोड़ रु.में)
सृजित क्षमता
(टन में)
जम्मून-कश्मीर 1 6160 3.41 3.41 3.41 6160
असम 1 4000 3.52 3.43 1.69 -
मिजोरम 22 17500 14.94 13.3 11.3 8000
मेघालय 2 4500 2.07 1.74 1.74 4500
सिक्किम 1 375 1.15 1.15 0.6 -
त्रिपुरा 31 34000 28.11 17.6 16.94 12000
अरूणाचल प्रदेश 11 7680 7.6 6.49 4.71 2560
नागालैंड 6 3840 10.25 2 - -
कुल 75 78055 71.05 49.12 40.39 33220

ब्लॉक/पंचायत स्तर पर मध्यवर्ती गोदाम

खाद्यान्नों के सहज और निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉक/पंचायत स्तर पर मध्यवर्ती गोदामों का एक नेटवर्क आवश्यक है। वर्तमान में, कई राज्यों में एफसीआई की भंडारण डिपुओं से खाद्यान्न उठाए जाते हैं और उचित दर दुकानों को सीधे भेज दिए जाते हैं। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग मध्यवर्ती स्तर पर भंडारण सुविधाओं, जहां से खाद्यान्ना उचित दर दुकानों तक भेजा जा सकता है, के निर्माण की जरूरत पर समय-समय पर राज्य सरकारों पर दबाव डालता रहा है। पंचायत स्तर पर निर्मित इस तरह का गोदाम किसानों को अपनी फसलों को बेचने/स्टॉफक रखने के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

ऐसे गोदामों का निर्माण अब राज्य सरकारों द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्री य ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत प्रदान की गई निधि का उपयोग कर किया जा सकता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 में उपयुक्त संशोधन कर दिया है जिसके परिणामस्वीरूप इस तरह के निर्माण योजना के अंतर्गत पात्र गतिविधियों में शामिल हो गया है। 11 नवंबर, 2013 को अधिसूचित इस संशोधन के माध्य म से उक्त अधिनियम की अनुसूची-I में खंड (15ग) को रखा गया है जिसे निम्नानुसार पढ़ा जाएगा:

"(15ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों को कार्यान्वि त करने के लिए आधुनिक और वैज्ञानिक खाद्य अनाज भंडारण सुविधा का निर्माण और रखरखाव"।

300 लाख टन, 500 टन, 1000 टन, 2000 टन, 3000 टन, 4000 टन और 5000 टन की क्षमता वाले गोदामों (मात्रानुसार बिल) के विनिर्देश और लागत-सार निम्नधलिखित तरीके से केंद्रीय भंडारण निगम (सी डब्यू500 सी) की वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं/से डाउनलोड किए जा सकते हैं:

www.cewacor.nic.in >>हमारी सेवाएं >> मध्यीवर्ती गोदाम >> विनिर्देश

किसी एक गोदाम का लागत अनुमान, लागत-सार के साथ पीडब्ल्यूडी/सीपीडब्ल्यूडी/कोई सरकारी प्राधिकरण की स्थानीय दरें लगाकर तैयार किया जा सकता है।

इसके अलावा, सभी राज्यों को इस प्रयोजन के लिए कृषि विभाग की ग्रामीण भण्डारण योजना के तहत उपलब्ध वित्त का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। इसके अतिरिक्ता, राज्यों को यह भी सुझाव दिया गया है कि सार्वजनिक निजी भागीदारी पद्धति में ऐसे गोदामों का निर्माण भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की निजी उद्यमी गारंटी (पीईजी) स्कीम की तर्ज पर शुरू किया जाए।