उत्पादन सब्सिडी स्कीम 2015
सरकार ने चीनी मिलों को गन्ने की लागत की भरपाई करने और चीनी मौसम 2015-16 के लिए किसानों को देय गन्ना मूल्य बकाया का यथासमय भुगतान सुगम बनाने के लिए दिनांक 02.12.2015 की अधिसूचना द्वारा 4.50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उत्पादन सब्सिडी भी प्रदान की है। चीनी
मूल्यों में चीनी उद्योग के प्रचालनात्मक व्यवहार्यता से अपेक्षित स्तरों से पर्याप्त वृद्धि हो जाने के परिणामस्वरूप, केंद्रीय सरकार ने दिनाक 19.05.2016 की अधिसूचना के तहत उत्पादन सहायता स्कीम वापस ले ली थी। चूंकि उत्पादन सहायता सहायता स्कीम को समय
से पूर्व वापस ले लिया गया था, इसलिए केंद्र सरकार ने दिनांक 12.09.2016 की अधिसूचना के तहत 2015-16 चीनी मौसम से स्कीम के कार्यकाल की अवधि के दौरान की गई गन्ना पेराई हेतु निष्पादन आधारित राजसहायता को वितरित करने का निर्णय लिया है। इस स्कीम के तहत 213 चीनी
मिलों को अब तक उत्पादन सब्सिडी के रूप में 520 करोड़ की राशि वितरित की गई है।
चीनी मिलों को सरल ऋण, 2015
बबैंकों द्वारा सरल ऋण स्कीम के तहत 4213 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिसे चीनी मिलों की ओर से किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा करा दिया गया। 425 करोड़ रुपये की राशि भारतीय स्टेट बैंक को उपरोक्त ऋण पर ब्याज छूट हेतु जारी की गई है। इससे लगभग
32 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
एसईएफएएसयू - 2014
सरकार ने चीनी उपक्रमों को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु स्कीम (एसईएफएएसयू 2014) 03.01.2014 को अधिसूचित की थी जिसमें चीनी मिलों को पूर्ववर्ती चीनी मौसमों के गन्ना मूल्य की बकाया राशियों का भुगतान करने तथा गन्ना किसानों को वर्तमान चीनी मौसम हेतु गन्ना
मूल्य का समय पर निपटारा करने के लिए बैंकों द्वारा ब्याज मुक्त ऋण दिए जाने की परिकल्पना की गई है। स्कीम के तहत 6485.69 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई है। इस ऋण पर पांच वर्षों हेतु ब्याज-भार चीनी विकास निधि के माध्यम से सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। चीनी
कारखानों द्वारा लिए गए ऋण पर ब्याज में छूट हेतु बैंकों को 2496 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है।
रॉ चीनी उत्पादन के विपणन और संवर्धन हेतु प्रोत्साहन स्कीम, 2014
सरकार ने दिनांक 28.02.2014 को चीनी मौसम 2013-14 के दौरान निर्यात के लिए लक्षित रॉ चीनी उत्पादन के विपणन और संर्वधन सेवाओ के लिए प्रोत्साहन की अनुमति देने के लिए एक स्कीम अधिसूचित की गई है जो कि गन्ना उत्पादकों के गन्ना मूल्य बकाया की समाप्ति हेतु प्रोत्साहन
राशि का उपयोग किया जाना था। इस योजना के तहत 425 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।