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वर्तमान स्थिति

चूंकि इस मंत्रालय के अंतर्गत कोई भी सार्वजनिक उपक्रम तथा रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आयुध निर्माणी बोर्ड (एफओबी), एचवीओसी/बीएफएफयू का उसके कर्मचारियों सहित अधिग्रहण करने के लिए आगे नहीं आया है, और माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एचवीओसी/बीएफएफयू के बारे में कोई अंतिम निर्णय लेने के लिए इस मंत्रालय ने माननीय न्यायालय के समक्ष निम्नलिखित प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं:

  • मौजूदा कर्मचारियों को सरकार की मौजूदा स्कीम के अंतर्गत उनकी पात्रता के सभी लाभ देकर स्वैच्छिक पृथक्करण स्कीम (वीएसएस) का प्रस्ताव करना
  • यदि कर्मचारी वी एस एस का विकल्प प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो औद्योगिक विवाद (अधिनियम) के अंतर्गत उनकी छंटनी की जा सकती है
  • एचवीओसी की विभिन्न शहरों में उपलब्ध भू-परिसंपत्तियों का उपयोग/निपटान सरकार से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा, और
  • बीएफएफयू की चल परिसंपत्तियों को एचवीओसी को बंद करने की प्रक्रिया के भाग के रूप में चल रही परिसमापन कार्यवाही के अंतर्गत शामिल किया जाना है।

सरकार ने दिनांक 27.10.2014 के पत्र के माध्यम से बीएफएफयू/एचवीओसी के मौजूदा कर्मचारियों को संशोधित वीएसएस स्वीकृत करने का अनुमोदन एचवीओसी को दे दिया है। कर्मचारियों को दिनांक 28.10.2014 से 90 दिनों के भीतर अपना विकल्प प्रस्तुत करना है। इस प्रकार, विकल्प प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 27.01.2015 थी। तथापि, इस बीच कुछ कर्मचारियों ने माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया है, जिसमें माननीय न्यायालय से वर्ष 2007 के वेतनमान देने का अनुरोध किया गया है। इस मामले की सुनवाई दिनांक 8.1.2015 और 29.4.2015 को हुई थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद माननीय न्यायालय ने वीएसएस हेतु विकल्प प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख अगली सुनवाई तक अर्थात दिनांक 29.05.2015 तक बढ़ा दी है। इस बीच चार कर्मचारियों ने वीएसएस हेतु विकल्प प्रस्तुत किया है।