ऋण स्वीकार/संवितरित करने की प्रक्रिया
चीनी विकास निधि अधिनियम, 1982 तथा समय-समय पर यथा संशोधित चीनी विकास निधि नियम, 1983, के अनुसार चीनी कारखानों को विभिन्न प्रयोजनों के लिए ऋण प्रदान करना
चीनी विकास निधि अधिनियम, 1982 तथा चीनी उपकर अधिनियम, 1982
चीनी विकास निधि अधिनियम में चीनी उद्योग के विकास तथा इससे संबंधित मामलों अथवा प्रसंगिक गतिविधियों के लिए वित्तपोषण का प्रावधान है। चीनी उपकर अधिनियम में चीनी विकास निधि अधिनियम, 1982 के प्रयोजनार्थ चीनी पर उपकर लगाने का प्रावधान किया गया है।
अब तक चीनी उपकर अधिनियम में यह प्रावधान है कि चीनी पर प्रति क्विंटल अधिकतम पच्चीस रुपए का उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा तथा चीनी विकास निधि अधिनियम के प्रयोजनार्थ उपकर के रूप में एकत्रित किया जाएगा। वर्तमान में भारत में चीनी कारखाने द्वारा उत्पादित चीनी के लिए 24
रुपए प्रति क्विंटल की दर से उपकर लगाया जाता है।
चीनी विकास निधि
चीनी विकास निधि अधिनियम 1982 में एक निधि तैयार करने प्रावधान है जिसे चीनी विकास निधि कहा जाएगा। इस निधि का स्त्रोत चीनी विकास निधि अधिनियम, 1982 के अंतर्गत प्रभारित एवं संग्रहित उत्पाद शुल्क की प्राप्तियां, संग्रहण की निवल लागत तथा ऐसी राशि के निवेश से होने
वाली आय सहित इस अधिनियम के प्रयोजनार्थ केन्द्र सरकार को प्राप्त धन हैं।
इस अधिनियम में निधियों के उपयोग के प्रयोजन निर्धारित किए गए हैं।
चीनी विकास निधि के अंतर्गत ऋण
इस निधि से चीनी कारखानों को अन्य प्रयोजन, जिनके संबंध में निधि का उपयोग किया जा सकता है, के अलावा निम्न प्रकार के ऋण प्रदान किए जा सकते हैः
- किसी चीनी कारखाने अथवा इकाई के पुनरूद्धार एवं आधुनिकीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए ऋण प्रदान करना। पेराई क्षमता को 10,000 टीसीडी तक बढ़ाने को आधुनिकीकरण का भाग माना जाता है।
- जहां चीनी कारखाना स्थित है, ऐसे क्षेत्र में गन्ने के विकास के लिए किसी स्कीम के संबंध में उपक्रम को ऋण प्रदान करना।
- किसी चीनी कारखाने अथवा उसकी किसी इकाई को को व्यवहार्यता में सुधार करने के उद्देश्य से खोई आधारित विद्युत सह-उत्पादन परियोजना के लिए ऋण प्रदान करना।
- चीनी कारखाने को उसकी व्यावहार्यता में सुधार करने के उद्देश्य से एनहाइड्रस अल्कोहल अथवा इथेनॉल के उत्पादन के लिए चीनी कारखाने अथवा उसकी किसी यूनिट को ऋण प्रदान करना।
उपर्युक्त ऋण प्रदान करने, ऋण की राशि, ब्याज की दर तथा अपेक्षित जमानत के संबंध में विस्तृत प्रक्रिया चीनी विकास निधि नियम, 1983 में निर्धारित की गई है। इस अधिनियम के अंतर्गत गठित स्थाई समिति द्वारा दिशा-निर्देश एवं निधि के प्रशासन के दौरान लिए जाने वाले अन्य
निर्णय भी निर्धारित किए गए हैं।
अधिनियम तथा नियम के अंतर्गत समितियां
- स्थायी समिति: : चीनी विकास निधि अधिनियम में चीनी कारखानों से प्राप्त ऋण आवेदनों पर शीघ्र विचार तथा निपटान करने के प्रयोजनार्थ तथा इस इस अधिनियम के प्रशासन के दौरान उत्पन्न होने वाली किसी समस्या पर विचार करने के
लिए भारत सरकार के अधिकारियों की एक समिति के गठन का प्रावधान है। इस नियम में चीनी उद्योग के किसी पहलू के संबंध में विशेष जानकारी रखने वाले सरकार के अधिकतम दो अधिकारियों को समिति के अतिरिक्त सदस्य के रूप में विशेषज्ञ के रूप में नामित करने का प्रावधान है। स्थायी
समिति की वर्तमानसंरचना का ब्यौरा अनुबंध-1 में दिया गया है।
- उप-समिति (उप-समितियां): : चीनी विकास निधि नियम में स्थायी समिति द्वारा इसके कार्यों का कुशलतापूर्वक एवं शीघ्र निर्वहन के लिए एक अथवा दो उप-समितियों को नियुक्त करने का प्रावधान है। गन्ना विकास के अलावा अन्य प्रयोजनों
के संबंध में प्राप्त ऋण आवेदनों पर विचार करने के लिए एक समिति का तथा गन्ना विकास के संबंध में ऋण आवेदनों पर विचार करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है। उप-समिति तथा जांच-समिति का ब्यौरा अनुबंध-2 एवं अनुबंध-3 में दिया गया है।
गन्ना विकास के लिए ऋण के अलावा विभिन्न प्रकार के ऋणों के संबंध में आवेदन करने तथा इन आवेदनों पर विचार करने की प्रक्रिया
- आवेदन प्रस्तुत करना: ऋण के संबंध में सभी आवेदन इसके साथ संलग्न प्रपत्रों की सूची के अनुसार विनिर्दिष्ट प्रपत्र में समिति को भेजे जाएंगे।आवेदन में प्रपत्र में उल्लिखित सभी सूचना उपलब्ध कराई जाएगी तथा प्रत्येक प्रपत्र
के अंत में दी गई जांच सूची के अनुसार दस्तावेज संलग्नकिए जाएंगे (अनुबंध-4 से अनुबंध-6)
- आवेदनों का पंजीकरण: सभी पूर्ण आवेदनों पर विचार करने के लिए एसडीएफ प्रभाग में उनके प्राप्त होने की तिथि के क्रम में पंजीकृत किया जाएगा, बशर्ते कि आवेदनों के साथ परियोजना के वित्तीय मूल्यांकन तथा वित्तीय संयोजन से
संबंधित सभी दस्तावेज संलग्न किए गए हों। प्रत्येक प्रकार के ऋण के संबंध में निजी तथा सहकारी क्षेत्र में चीनी कारखानों को अलग-अलग प्राथमिकता दी जाएगी। चूंकि चीनी विकास निधि ऋण संरक्षण के अंशदान में रहने वाली कमी को पूरा करने के लिए दिए जाते हैं, अत: वित्तीय
मूल्यांकन में दिए गए "वित्त-पोषण के साधन” में यह कमी तथा मांग की गई चीनी विकास निधि ऋण की राशि का ब्यौरा स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए।
- उप-समिति द्वारा आवेदनों पर विचार करना:अपेक्षित सूचना एवं दस्तावेज प्रस्तुत करने के संबंध में आवेदनों की जांच के पश्चात् ऋण आवेदनों को प्राथमिकता क्रम के आधार पर उप-समिति के विचारार्थ प्रस्तुत किया जाता है। चीनी
कारखानों से अपेक्षा की जाती है कि वे उनकी परियोजना का परियोजना उचित लागत निर्धारण को सुगम बनाने के लिए अनुबंध-7 से अनुबंध-9 में दिए गए प्रारूप में आवश्यक सूचना उपलब्ध कराएं। इसके अलावा, यदि कोई सूचना अपेक्षित हो, तो जांच के पश्चात् मांगे जाने पर तत्काल
प्रस्तुत की जानी चाहिए, ऐसा न करने पर उनकी बारी आने पर उनका आवेदन उप-समिति के समक्ष प्रस्तुत करना संभव नहीं होगा।
सामान्यत: चीनी कारखानों को अपने मामले को उप-समिति के समक्ष प्रस्तुत करने अथवा उप-समिति के तकनीकी एवं वित्तीय विशेषज्ञ सदस्यों पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। आशा की जाती है कि बैठक में चीनी कारखाने का प्रतिनिधित्व उनके प्रबंध
निदेशकों द्वारा किया जाएगा तथा वित्तीय एवं तकनीकी प्रमुख भी साथ रहेंगे। - स्थायी समिति द्वारा आवेदनों पर विचार करना:उप-समिति की सिफारिशों को उन पर विचार करने तथा सरकार को सिफारिशें भेजने के लिए स्थायी समिति के समक्ष रखा जाता है। चीनी कारखानों से अपेक्षा की जाती है कि उप-समिति द्वारा की
गई टिप्पणियां तथा/अथवा उप-समिति द्वारा मांगे गए दस्तावेज आवेदनों को स्थायी समिति के विचारार्थ प्रस्तुत करने से पहले प्रस्तुत कर दिए जाएं। चीनी कारखानों द्वारा स्थायी समिति के विचारार्थ आवेदन भेजने के संबंध में प्रस्तुत की जाने वाली अपेक्षित सूचना का
ब्यौरा अनुबंध-7 से अनुबंध-9 में दिए गए प्रारूप में दिया जाता है। सामान्यत: वर्ष के दौरान स्थायी समिति की बैठक प्रत्येक तिमाही में कम से कम एक बार आयोजित की जानी चाहिए।
सरकार का अनुमोदन तथा प्रशासनिक अनुमोदन जारी करना: सरकार के अनुमोदनार्थ स्थायी समिति की सिफारिशों पर कार्रवाई की जाती है जिसके पश्चात जिन मामलों में ऋण स्वीकार किए गए हैं, नियम अथवा स्थायी समिति या सरकार के विशिष्ट निर्देशों के अनुसार निर्धारित शर्तों के
साथ स्वीकृत ऋण की राशि सहित प्रशासनिक अनुमोदन जारी किए जाते हैं। - ्रशासनिक अनुमोदन में निर्धारित मुख्य शर्तों में सामान्यत:प 3 प्रतियों में करार पर हस्ताक्षर करना, ऋण लिए चीनी कारखाने द्वारा दी जाने वाली प्रतिभूति का स्वरूप, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी प्रदूषण नियंत्रण
प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना तथा सह उत्पादन के मामले में विद्युत खरीद करार प्रस्तुत करना शामिल है। इसके अलावा, प्रशासनिक अनुमोदन में चीनी विकास निधि ऋण के उपयोग तथा पुनर्भुगतान की शर्तें, निगरानी एजेंसियों द्वारा निरीक्षण, संविरतण के संबंध में अनुरोध करने
की समय-सीमा, आस्थगन अवधि एवं पुनर्भुगतान की समय-सीमा और ब्याज दर एवं दण्डात्मक ब्याज आदि के संबंध में शर्तों आदि का ब्यौरा होता है।
प्रशासनिक अनुमोदन में निर्धारित प्रमुख स्थितियों में आमतौर पर त्रिपक्षीय समझौते (टीपीए) पर हस्ताक्षर, ऋण के लिए चीनी कारखाने द्वारा बनाए जाने वाली सुरक्षा की प्रकृति, राज्य पीसीबी से प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जमा करना और बिजली खरीद समझौते को जमा करना शामिल
है सहजनन परियोजनाओं का मामला। प्रशासनिक अनुमोदन में एसडीएफ ऋण के उपयोग और पुनर्भुगतान, निगरानी एजेंसियों द्वारा निरीक्षण, वितरण के लिए अनुरोध जमा करने के लिए समय सीमा, पुनर्भुगतान और ब्याज दर और दंड ब्याज इत्यादि के संबंध में शर्तें शामिल हो सकती हैं।. - ऋण की किश्त:
- चीनी कारखाने द्वारा प्रशासनिक अनुमोदन में निर्धारित शर्तों का अनुपालन करने तथा चीनी विकास निधि की नोडल एजेंसी अर्थात् निजी/सार्वजनिक क्षेत्र के कारखानों के मामले में आईएफसीआई और सहकारी क्षेत्र की मिलों के मामले में एनसीडीसी के माध्यम से अनुरोध करने के
पश्चात् एक अथवा एक से अधिक किश्तों में ऋण का संवितरण किया जाता है। निर्धारित शर्तों में अन्य बातों के साथ-साथ ऋण से संबद्ध शर्तों का उल्लेख करते हुए सरकार के साथ करार पर हस्ताक्षर करना, ऋण के भुगतान की अवधि तथा पद्धति, ब्याज, उपयोग आदि; प्रभार लगाना/बैंक
गारण्टी प्रस्तुत करना शामिल है।
- ऋण का संवितरण चीनी कारखाने अथवा वित्तीय संस्थान को एक अथवा एक से अधिक किश्तमें चीनी कारखाने को सीधे अथवा वित्तीय संस्थान के माध्यम से इलेक्ट्रानिक ट्रांसफर अथवा चेक के माध्यम से किया जा सकता है।
- संवितरण के संबंध में विधिवत पूर्ण अनुरोध प्रशासनिक अनुमोदन जारी करने के एक वर्ष के भीतर नोडल एजेंसी के माध्यम से सरकार को भेजे जाने चाहिए। यदि संविरतण एक से अधिक किश्त में किया जाता है तो इसके पश्चात् की किश्तें तभी जारी की जाएंगी जब अनुरोध पहलीकिश्त
जारी होने के 6 माह के भीतर प्राप्त हो तथा पहली किश्त के संबंध में उपयोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर दिया गया हो। यदि विलम्ब, चीनी कारखाने के नियंत्रण से बाहर हो, तो समय-सीमा में विस्तार के लिए आवेदन पूर्ण औचित्य के साथ उक्त समय-सीमा के समाप्त होने से पहले
किया जाना चाहिए।
- सभी संविरतण, संबंधित स्कीम के अंतर्गत उस समय निधियों की उपलब्धता पर निर्भर हैं।
- चीनी विकास निधि ऋण की निगरानी: निजी क्षेत्र के चीनी कारखानों के संबंध में आईएफसीआई तथा सहकारी क्षेत्र के चीनी कारखानों के संबंध में एनसीडीसी को एसडीएफ ऋणों के संवितरण, अनुवर्ती कार्रवाई, उपयोग की निगरानी, ऋण तथा ब्याज
की वसूली, निरीक्षण आदि के प्रयोजनार्थ सरकार की नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। चीनी कारखानों के लिए अपेक्षित है कि वे स्वीकृत ऋणों के संवितरण के संबंध में अपने आवेदन भेजें तथा परियोजना के निरीक्षण के संबंध में भी सभी अपेक्षित सहयोग दें और समय-समय पर मांगी
गई अपेक्षित सूचनाएं भी उपलब्ध कराएं।
गन्ना विकास ऋणों की निगरानी प्राथमिक रूप से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। तथापि, चीनी विकास निधि की सहायता से चलाई जा रही गन्ना विकास परियोजनाओं/स्कीमोंंकी प्रगति की निगरानी करने के लिए इफको फाउंडेशन, एनएफसीएसएफ, आईएसएमए तथा वीएसआई को निगरानी एजेंसियों
के रूप में नियुक्त किया गया है जिन्हें चीनी कारखानों को सूचित करते हुए समय-समय पर अलग-अलग मामले सौंपे जाते हैं। चीनी कारखानों के लिए अपेक्षित है कि वे निगरानी एजेंसी को अपना काम करने के लिए पूरा सहयोग प्रदान करें।
आधुनिकीकरण/पुनरुद्धार के लिए दिए जाने वाले ऋण का प्रशासन करने के संबंध में विशिष्ट शर्तें (नियम-16)
- आधुनिकीकरण/पुनरुद्धार के संबंध में सहायता के लिए परियोजना का अनुसूचित बैंक/वित्तीय संस्था द्वारा अनुमोदित होना अनिवार्य है।
- आधुनिकीकरण/पुनरुद्धार के संबंध में उपर्युक्त प्रयोजन के लिए पूर्व में दिए गए ऋण के बकाया की अवधि के दौरान केवल एक अतिरिक्त ऋण प्रदान किया जा सकता है।
- ऋण की राशि बैंक/वित्तीय संस्था द्वारा चीनी उपक्रम द्वारा संरक्षक के अंशदान के रूप में उपलब्ध कराई जाने वाली अपेक्षित राशि से अधिक नहीं होगी। चीनी कारखाने के लिए आवेदन की गई ऋण की राशि का न्यूनतम 10 प्रतिशत संरक्षक अंशदान के रूप में अपने संसाधनों से
उपलब्ध कराना अपेक्षित होगा। चीनी पात्र परियोजना लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत तक विकास निधि ऋण प्रदान किए जाते हैं।
- चीनी विकास निधि अथवा लेवी चीनी मूल्य स्थिरीकरण निधि के बकाया के संबंध में चूककर्ता चीनी कारखाना चीनी विकास निधि ऋण के संबंध में आवेदन करने का पात्र नहीं है।
- ऋण का ब्याज सहित भुगतान संस्थागत ऋण के भुगतान की तिथि से एक वर्ष के समाप्त होने के पश्चात् तथा इस पर ब्याज का भुगतान एकमुश्त अथवा ऋण के संवितरण की तिथि से 8 वर्ष की अवधि समाप्त होने पर, जो भी पहले हो, किया जाएगा। ऋण तथा ब्याज की वसूली अधिकतम 5 वार्षिक
किश्तों में की जाएगी।
अल्कोहल अथवा शीरे से एन्हाइड्रस अल्कोहल या ईथेनॉल के उत्पादन के संबंध में ऋण का प्रशासन करने वाली विशिष्ट शर्तें (नियम-22)
- चीनी कारखाना ऋण के लिए पात्र होगा (क) यदि अल्कोहल से एन्हाइड्रस अल्कोहल अथवा ईथेनॉल का उत्पादन करने के संबंध में किसी वित्तीय संस्था अथवा अनुसूचित बैंक से वित्तीय सहायता के संबंध में परियोजना अनुमोदित है, तथा चीनी कारखाने द्वारा वित्तीय संस्थान
अथवा अनुसूचित बैंक द्वारा अपेक्षित परियोजना लागत का न्यूनतम 12.5 प्रतिशत संरक्षक अंशदान के रूप में अपने संसाधनों से उपलब्ध कराया जाता है।
- यदि चीनी कारखाना अल्कोहल से एन्हाइड्रस अल्कोहल अथवा ईथेनॉल का उत्पादन करने के संबंध में वित्तीय संस्थान अथवा अनुसूचित बैंक या केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित एजेंसी द्वारा मूल्य निर्धारित परियोजना कार्यान्वित करता है तो चीनी कारखाने के लिए अपने संसाधनों
से परियोजना लागत के न्यूनतम 25 प्रतिशत की पूर्ति करेगी।
- 2500 टीसीडी की स्थापित क्षमता वाले चीनी कारखाने जो शीरे से एन्हाइड्रस अल्कोहल अथवा ईथेनॉल का उत्पादन करने के संबंध में वित्तीय संस्थान अथवा अनुसूचित बैंक द्वारा मूल्य निर्धारित परियोजना कार्यान्वित करता है तथा इस पर उक्त वित्तीय संस्थान अथवा
अनुसूचित बैंक से वित्तीय सहायता के संबंध में अनुमोदन प्राप्त है तो वह परियोजना लागत के न्यूनतम 10 प्रतिशत की पूर्ति अपने संसाधनों से करेगी। ऋण की राशि पात्र परियोजना लागत के 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।
- उक्त के संबंध में पूर्व में दिए गए ऋण के बकाया होने की अवधि में उपर्युक्त के प्रयोजनार्थ कोई ऋण प्रदान नहीं किया जाएगा।
- चीनी कारखाना चीनी विकास निधि तथा लेवी चीनी मूल्य स्थिरीकरण निधि के संबंध में देयताओं के भुगतान में चूककर्ता नहीं होना चाहिए, चूककर्ता होने की स्थिति में चीनी कारखाना ऋण के लिए आवेदन करने का पात्र नहीं होगा।
- चीनी कारखाना निम्नलिखित के प्रयोजनार्थ ऋण के लिए आवेदन करने का पात्र नहीं होगा:
- पुरानी परियोजना, उपकरण एवं मशीनरी
- पुन: वित्त पोशन
- निर्धारित से अधिक लागत का वित्त-पोषण
- चीनी कारखाने द्वारा स्वयं की लागत से परियोजना का कार्यान्वयन किए जाने के मामलों में वित्तीय संस्थानों अथवा अनुसूचित बैंकों से उनकी संबंधित स्कीम अथवा परियोजनाओं के अंतर्गत वित्तीय सहायता के लिए समिति को आवेदन भेजने की तिथि से पहले चालू की गई परियोजनाएं।
- न्यूनतम आर्थिक लागत, जिसका निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर किया जाता है, से कम आकार की परियोजना।
- ब्याज सहित ऋण की राशि की वसूली अधिकतम 8 छ:माही किश्तों में की जाएगी। ब्याज सहित ऋण का भुगतान संवितरण की तिथि से एक वर्ष के समाप्त होने के पश्चात् किया जाएगा।
खोई आधारित विद्युत सह-उत्पादन परियोजनाओं के संबंध में ऋण का प्रशासन करने वाली विशिष्ट शर्तें (नियम-23)
- चीनी कारखाने की स्थापित क्षमता 2500 टीसीडी होनी चाहिए।
- परियोजना वित्तीय सहायता के लिए वित्तीय संस्था अथवा अनुसूचित बैंक से अनुमोदित होनी चाहिए।
- परियोजना में सह-उत्पादित बिजली के विपणन योग्य अधिशेष का प्रावधान होना चाहिए।
- ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिए विद्युत के सह-उत्पादन के संबंध में भी निर्यात योग्य अधिशेष की सीमा तक चीनी विकास निधि से वित्त प्रदान किया जा सकता है। तथापि, निधियां चीनी कारखाने द्वारा उत्पादन प्रारंभ करने के बाद ही जारी की जाएंगी।
- चीनी कारखाने द्वारा प्रमोटर के अंशदान के भाग के रूप में परियोजना लागत के न्यूनतम 10 प्रतिशत की पूर्ति अपनी निधियों के आंतरिक सृजन से की जाएंगी।
- उक्त के संबंध में पूर्व में दिए गए ऋण के बकाया होने की अवधि में उपर्युक्त के प्रयोजनार्थ कोई ऋण प्रदान नहीं किया जाएगा।
- चीनी कारखाना चीनी विकास निधि तथा लेवी चीनी मूल्य स्थिरीकरण निधि के संबंध में देयताओं के भुगतान में चूककर्ता नहीं होना चाहिए, चूककर्ता होने की स्थिति में चीनी कारखाना ऋण के लिए आवेदन करने का पात्र नहीं होगा।
- चीनी कारखाना निम्नलिखित के प्रयोजनार्थ ऋण के लिए आवेदन करने का पात्र नहीं होगा:
- पुरानी परियोजना, उपकरण एवं मशीनरी
- पुन: वित्त पोषण
- निर्धारित से अधिक लागत का वित्त-पोषण
- वित्तीय संस्थानों अथवा अनुसूचित बैंकों को वित्तीय सहायता के लिए आवेदन भेजने की तिथि से पहले चालू की गई परियोजनाएं
- ऋण का भुगतान संवितरण की तिथि से 3 वर्ष वर्ष के समाप्त होने के पश्चात् तथा अधिकतम 10 छमाही किश्तों में किया जाएगा। उक्त ऋण के संबंध में ब्याज का भुगतान संवितरण की तिथि से पहले 3 वर्षों के संबंध में वार्षिक रूप से किया जाएगा। इसके पश्चात् मूलधन की किश्त
के साथ छ:माही आधार पर किया जाएगा।
गन्ना विकास के संबंध में ऋण के लिए आवेदन करने तथा उन पर विचार करने की प्रक्रिया (नियम 17)
- ऋण के संबंध में आवेदन उस राज्य की सरकार को भेजा जाना चाहिए जिसमें चीनी कारखाना स्थित है तथा राज्य सरकार आवेदन की जांच करने के पश्चात अपनी टिप्पणियों तथा सिफारिशों के साथ चीनी विकास निधि के अंतर्गत स्थायी समिति के सदस्य सचिव को भेज देंगी। आवेदन प्रपत्र में
उल्लिखित सूचना तथा जांच सूची (अनुबंध-10 ) में उल्लिखित दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किये जाएंगे।
- चीनी कारखाने को उस क्षेत्र में गन्ने के विकास हेतु हीट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने, बीज पौधशाला तैयार करने, कीटनाशक उपाय, गन्ना किसानों को गन्ने की उन्नत किस्मों को अपनाने, सिंचाई स्कीमें तथा केन्द्र सरकार द्वारा अनुमोदित ऐसी अन्य स्कीम अथवा परियोजना के लिए
ऋण की अनुमति प्रदान की जाती है। विस्तृत दिशा-निर्देशों का ब्यौरा अनुबंध-10 में दिया गया है। किसी स्कीम के लिए संपूर्णतः ऋण राशि की मौजूदा सीमा स्कीम के संबंध में 3.00 करोड़ रुपए की अधिकतम लागत का 90% है।
- आवेदनों की जांच करने तथा अतिरिक्त सूचना (अनुबंध-12) के प्राप्त होने के पश्चात आवेदन चीनी विकास निधि की स्थायी समिति की जांच समिति के समक्ष रखे जाते हैं। चीनी कारखानों को सामान्यतः जांच समिति के समक्ष अपना प्रस्ताव रखने अथवा समिति के तकनीकी अथवा वित्तीय
विशेषज्ञों के उत्तर देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। चीनी कारखानों के लिए अपेक्षित है कि उनका प्रतिनिधित्व उनके प्रबंध निदेशकों द्वारा किया जाए जिनके साथ वित्तीय एवं गन्ना विकास प्रमुख भी हों। जांच समिति की सिफारिशे चीनी विकास निधि की स्थायी समिति के समक्ष
रखी जाती हैं।
- उपर्युक्त के प्रयोजनार्थ पूर्ववर्ती लोन के ब्याज सहित बकाया होने की अवधि के दौरान गन्ना विकास के संबंध में केवल एक अतिरिक्त ऋण प्रदान किया जा सकता है।
- यह ऋण अनुमेय है, यदि इसके प्रयोजनार्थ किसी अन्य एजेंसी से कोई भी अऩ्य वित्तीय सहायता उपलब्ध न हो अथवा यदि ऐसी सहायता की राशि केन्द्र सरकार के विचार से अपर्याप्त हो तथा इसको अनुपूरित करना आवश्यक हो।
- चीनी कारखाने के लिए स्कीम की लागत के न्यूनतम 10% की पूर्ति मार्जिन राशि के रूप में अपने संसाधनों से करना अपेक्षित है।
- चीनी कारखाना चीनी विकास निधि तथा लेवी चीनी मूल्य स्थिरीकरण निधि के संबंध में बकाया के भुगतान में चूककर्ता नहीं होना चाहिए, चूककर्ता होने की स्थिति में चीनी कारखाना ऋण के लिए आवेदन करने का पात्र नहीं होगा।
- ऋण का संवितरण केवल उसी राज्य सरकार के माध्यम से होगा जिसमें चीनी कारखाना स्थित है।
- चीनी कारखाने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के परामर्श से निर्धारित नियम एवं शर्तों के संबंध में त्रि-पक्षीय करार करना अपेक्षित है। इस शर्तों में राज्य सरकार द्वारा ऋण के उपयोग की निगरानी, स्कीम की प्रगति, ऋण तथा
ब्याज के भुगतान आदि शामिल है।
- ऋण का भुगतान ऋण के संवितरण से तीन वर्ष की ऋण-आस्थगन की अवधि के समाप्त होने से प्रारंभ होगा तथा भुगतान अधिकतम चार वार्षिक किस्तों में किया जाएगा। ऋण पर ब्याज का भुगतान एक वर्ष के समाप्त होने के पश्चात वार्षिक रूप से किया जाएगा।
संभावित रूप से कार्यक्षम रुग्ण चीनी उपक्रमों द्वारा आवेदन करने तथा उन पर विचार करने की प्रक्रिया
- संभावित रूप से कार्यक्षम रुग्ण चीनी उपक्रम संयंत्र एवं मशीनरी के आधुनिकीकरण तथा पुनरूद्धार के संबंध में चीनी विकास निधि से ऋण प्राप्त करने के लिए पात्र है बशर्ते की यह स्कीम अथवा परियोजना निजी अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के चीनी उपक्रम के संबंध में औद्योगिक
एवं वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड द्वारा स्वीकृत हो तथा सहकारी चीनी कारखानों के संबंध में पुनरूद्धार के लिए समिति द्वारा सिफारिश की गई हो।
- ऋण के संबंध में पुनरूद्धार स्कीम में बीआईएफआर द्वारा अथवा पुनरूद्धार के लिए समिति द्वारा सिफारिश की गई हो।
- वित्तीय सहायता के लिए परियोजना वित्तीय संस्थान तथा बैंक द्वारा अनुमोदित होनी चाहिए।
- आधुनिकीकरण/पुनरूद्धार के संबंध में ऋण अनुमेय नहीं होगा यदि इस संबंध में एक से अधिक ऋण अथवा गन्ना विकास का ऋण बकाया है।
- यह ऋण केवल एक बार ही प्रदान किया जाएगा।
- समिति इस बात की संतुष्टि करेगी की केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के बैंक, वित्तीय संस्थान अथवा कर्मचारी तथा अन्य एजेंसियों से दान, यदि कोअंतई हो, पुनरूद्धार स्कीम के लिए पर्याप्त राहत अथवा रियायत प्रदान की गयी है। तथा संबंधित एजेंसी द्वारा ऐसी राहत या रियायतें
या दान स्वीकार कर लिए गए हैं।
- ऋण की राशि वित्तीय संस्थान अथवा अनुसूचित बैंक द्वारा चीनी कारखाने से प्रमोटर अंशदान के रूप में अपेक्षित राशि से अधिक नहीं होगी।आधुनिकीकरण/पुनरूद्धार ऋण के मामले में यह परियोजना लागत के 60% से अधिक नहीं होगी। चीनी कारखाना अपने निजी संसाधनों से परियोजना लागत
के न्यूनतम 20% का अंशदान देगा।
- गन्ना विकास संबंधी परियोजना के मामले में ऋण की राशि पात्र परियोजना लागत के 90% से अधिक नहीं होगी। चीनी कारखाना अथवा संबंधित राज्य सरकार परियोजना लागत के न्यूनतम 10% का अंशदान देगी।
- ऋण किसी भी रूप में किसी ऋण के भुगतान अथवा इसके ब्याज, भले ही यह निधि से अथवा किसी अन्य एजेंसी, वित्तीय संस्थान अथवा राज्य सरकार से लिया गया हो।
- चीनी कारखाने द्वारा चीनी विकास निधि तथा लेवी चीनी मूल्य स्थिरीकरण निधि संबंधी देयताओं के संबंध में देय होने वाली समस्त राशि का भुगतान कर दिया जाना चाहिए।
- परियोजना के आधुनिकीकरण/पुनरूद्धार के संबंध में ऋण तथा ब्याज का भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित अवधि के समाप्त होने के पश्चात किया जाएगा बशर्ते की यह अवधि संवितरण की तिथि से अधिकतम पांच वर्ष होगी तथा इसका भुगतान अधिकतम दस छःमाही किस्तों में किया जा
सकेगा। गन्ना विकास के संबंध में ब्याज सहित ऋण का भुगतान एक वर्ष की ऋण-आस्थगन अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रारंभ होगा तथा इसका भुगतान अधिकतम 8 छःमाही किस्तों में किया जाएगा। ब्याज का भुगतान संवितरण की तिथि से एक वर्ष के समाप्त होने के पश्चात छःमाही किस्तों
में किया जाएगा।
ब्याज दर तथा दंडात्मक ब्याज (नियम 25)
चीनी विकास निधि ऋणों पर ऋण के संवितरण के समय मौजूद "बैंक दर” से 2% कम पर साधारण ब्याज देय होगा। दिनांक 31.01.2009 की स्थिति के अनुसार चीनी विकास निधि ऋण पर प्रभारित ब्याज की दर 4% है।
चीनी कारखाने द्वारा किसी किस्त अथवा ब्याज का भुगतान करने में चूक करने की स्थिति में डिफॉल्ट राशि 2.5% प्रतिवर्ष की दर से अतिरिक्त ब्याज देय होगा।
संवितरित सभी चीनी विकास निधि ऋण तथा दिनांक 21 अक्तूबर, 2004 को सभी बकाया ऋणों पर ब्याज की दर में "बैंक दर” से 2% की कमी की गई है जो 4% प्रति वर्ष रह गई है। .
प्रतिभूति (25)
चीनी कारखानों के लिए निम्नलिखित में से किसी एक प्रकार से चीनी विकास निधि ऋण के लिए सरकार की संतुष्टि की सीमा तक प्रतिभूति जमा करना अपेक्षित हैः
- अनुसूचित बैंकों से बैंक गारंटी
- चीनी कारखाने की सभी अचल एवं चल संपत्तियों को प्रथम प्रभार के बारबर, ऐसा करने में असमर्थ रहने की स्थिति में विशिष्ट द्वितीय प्रभार के आधार पर बंधक रखना।
टिप्पणियां: गन्ना विकास ऋणों के लिए सहकारी चीनी कारखाना राज्य सरकार की गारंटी के रूप में प्रतिभूति उपलब्ध करा सकता है।
चीनी कारखाने द्वारा जमा की जाने वाली प्रतिभूति का प्रकार निर्धारित करने के लिए चीनी विकास निधि ऋण स्वीकार करने के समय मौजूदा निर्धारित यूनिट प्रभारित अनुपात (एफएसीआर) पर विचार किया जा सकेगा। निर्धारित यूनिट प्रभारित अनुपात (एफएसीआर) 1.33 से कम होने की स्थिति
में चीनी कारखाने द्वारा बैंक गारंटी उपलब्ध कराना अपेक्षित है। निर्धारित यूनिट प्रभारित अनुपात (एफएसीआर) 1.33 अथवा इससे अधिक किन्तु 1.50 से कम होने पर (बैंक गारंटी) के बराबर प्रथम प्रभार दिया जा सकता है। चीनी कारखाने के लिए कारण बताना आवश्यक है कि वह चीनी विकास
निधि ऋण की जमानत के रूप में अपनी परिसंपत्तियों के बराबर प्रथम प्रभार उपलब्ध कराने में असमर्थ क्यों है, ऐसे मामले में जहां जमानत से पहले विशिष्ट रूप से द्वितीय प्रभार निर्धारित किए जा सकते हैं, सरकार द्वारा बाद में अनुमोदन प्रदान किया जाएगा।
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