• पिछला अद्यतनीकृतः: 29 नवम्बर 2023
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महत्वपूर्ण क्षेत्र

आई.जी.एम.आर.आई प्रयोगशालाओं का अपग्रेडेशन:

किसानों, जिनसे केंद्रीय पूल के लिए खाद्यान्नोंा की खरीद की जाती है, द्वारा कीटनाशकों के व्याापक प्रयोग से केंद्रीय पूल के खाद्यान्नोंे में कीटनाशक अवशिष्टोंा की उपस्थिीति की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडारण निगम तथा राज्यि एजेंसियों द्वारा भंडारण के दौरान केंद्रीय पूल स्टा क के संरक्षण के लिए भी कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। खाद्य मानक और सुरक्षा अधिनियम, 2006 (खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954) के अंतर्गत विभिन्न खाद्य वस्तु ओं में विभिन्नं रिफ्रेक्श नों तथा मिलाई गई वस्तु्ओं की अधिकतम सीमा निर्दिष्टा की गई है ताकि मानव उपभोग के लिए इनकी उपयुक्त्ता सुनिश्चिंत की जा सके।

कभी-कभी खाद्यान्नोंस का केंद्रीय पूल स्टाहक वर्षा, उच्चप आर्द्रता, विशेष रूप से भंडारण तथा रखरखाव के दौरान प्रभावित होता है अत: यह फफूंद द्वारा क्षतिग्रस्तष तथा संक्रमित हो जाता है। इसमें माइकोटाक्सिषन होता है। इसी प्रकार, भंडारण के दौरान कीटों के हमले के परिणामस्व्रूप यूरिक अम्लं आदि की उपस्थिंति के कारण खाद्यान्नों की गुणवत्ताव में गिरावट आती है।

अतः यह सुनिश्चित करने के लिए कि केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न सदैव गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हों और उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव का कोई जोखिम न हो, यह समीचीन है कि केन्द्रीय पूल के खाद्यानों में कीटनाशक अवशेषों, माइकोटॉक्सिान संदूषण, यूरिक एसिड आदि की उपस्थिति की जांच के लिए समय-समय पर स्टाकक का विश्लेषण किया जाए। आईजीएमआरआई प्रयोगशाला को इस तरह की सुविधाओं के साथ मजबूत बनाने के लिए वर्तमान सुविधाओं को अपग्रेड करने और प्रयोगशाला का सुदृढ़ीकारण आवश्यक है।

12 वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तेर्गत आई.जी.एम.आर.आई, हापुड़ में खाद्यान्न में कीटनाशक अवशेषों और माइकोटॉक्सििन के संदूषण की जांच के लिए अतिरिक्त सुविधाओं के निर्माण का कार्य प्रगति पर है ।

नई योजना "गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र को मजबूत बनाना "

योजना आयोग की सलाह पर भंडारण के दौरान होने वाली हानि/नुकसान से बचने के लिए तथा खरीद, भंडारण और वितरण के समय पर गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र और खाद्यान्न की गुणवत्ता की निगरानी को मजबूत करने के लिए, एक नई योजना घटक "गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र के सुदृढ़ीकरण" 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शामिल किया गया है इन दो चल रही योजना/स्कीमों (पीडीएस के सुदृढ़ीकरण एवं क्षमता निर्माण और गुणवत्ता नियंत्रण, परामर्श और अनुसंधान) के साथ मिला दिया गया है। रुपये 23.30 करोड़ रुपए की राशि 12 वीं पंचवर्षीय योजना के लिए नई योजना घटक के लिए अनुमोदित किया गया है। तीन घटक हैं; (क) गुणवत्ताप नियंत्रण तंत्र को बढ़ाने के लिए नए गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठों को खोलने की प्रक्रिया (ख) आईजीएमआरआई हापुड़ में प्रयोगशालाओं के उन्नयन और कौशल उन्नयन किया जाना (ग) कौशल विकास के लिए क्षमता निर्माण।

  • गुणवत्ताप नियंत्रण तंत्र को बढ़ाने के लिए नए गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठों को खोलने की प्रक्रिया
  • आईजीएमआरआई हापुड़ में प्रयोगशालाओं के उन्नयन, और
  • कौशल विकास के लिए क्षमता निर्माण।

नये गुणवत्ता नियंत्रण कार्यालयों को खोलना:

वर्त्तमान योजना घटक के तहत निम्नलिखित सात नए गुणवत्ता नियंत्रण कार्यालयों गुवाहाटी, पटना, चंडीगढ़, जम्मू, जयपुर, चेन्नई और अहमदाबाद में खोलने का प्रस्ताव है। पटना (बिहार) में एक नए गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ खोलने के लिए प्रक्रिया पहले से ही शुरू कर दी है और अहमदाबाद, चेन्नई और गुवाहाटी में तीन और गुण नियंत्रण सैल खोलने का प्रस्ताव चालू वित्त वर्ष के दौरान स्थापित किए जाने वाले हैं।

आईजीएमआरआई प्रयोगशालाओं का अपग्रेडेशन:

यह सुनिश्चित करने के लिए कि नियमित रूप से निर्धारित एकसमान विनिर्दिष्टियों वाला खाद्यान्न केंद्रीय पूल में प्राप्त हो, इसके लिए केंद्रीय पूल के खाद्यान्नों को गुणवत्ता मानकों के लिए कीटनाशकों के अवशेष, मायकोटोक्सिन संदूषण, यूरिक एसिड, आदि की उपस्थिति के लिए का विश्लेषण करना आवश्यक है। आईजीएमआरआई हापुड़ भौतिक-रासायनिक प्रयोगशाला के मौजूदा बुनियादी ढांचे में उन्नत/आधुनिकीकरण किया गया है। उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया को ई-टेंडरिंग के माध्यम से शुरू किया गया है। राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान (NIPHM), हैदराबाद के प्लान योजना के तहत आईजीएमआरआई, हापुड़ में कीटनाशकों के अवशेषों और मायकोटोक्सिन संदूषण के विश्लेषण के लिए आधुनिक सुविधाओं की स्थापना के लिए अक्टूबर, 2014 से एक सलाहकार के रूप में नियुक्तू किया गया है।

कौशल उन्नयन के लिए क्षमता निर्माण

राज्य सरकार द्वारा खरीद, भंडारण में लगे एजेंसियों और खाद्यान्नों के वितरण के साथ तकनीकी रूप से योग्य कर्मचारियों की कमी को देखते हुए और सरकार विकेन्द्रीकृत खरीद योजना को प्रोत्साहित करने जिसके तहत राज्य सरकारों तथा उनकी एजेंसियों द्वारा खरीद, भंडारण और भारतीय खाद्य निगम की भागीदारी के बिना सीधे खाद्यान्न वितरित करने के लिए राज्य सरकारों और उनकी एजेंसियों के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण आवश्यकताओं समय की मांग है।

खरीद, भंडारण तथा वितरण के दौरान खाद्यान्नों का गुणवत्ताद नियंत्रण तंत्र:

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरण के लिए सरकार द्वारा अच्छीत गुणवत्ता के खाद्यान्नोंा की खरीद के लिए सुपरिभाषित गुणवत्ताक नियंत्रण मानदंड विनिर्दिष्टा किए गए हैं। रबी तथा खरीफ खरीद मौसम प्रारंभ होने से पहले खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग केन्द्री य पूल के लिए अच्छीक गुणवत्तात के खाद्यान्नोंा की खरीद के लिए एक समान मानदंड तैयार करता है। ये एक समान मानदंड भारतीय खाद्य निगम, राज्यत सरकारों तथा उनकी एजेंसियों को उनके द्वारा इन मानदंडों को पूरा करने वाले खाद्यान्नों् को खरीदा जाना सुनिश्चिसत करने के अनुदेशों के साथ परिचालित किए जाते हैं।

राज्यर सरकारों द्वारा खरीद केन्द्रोंा पर खाद्यान्नों की सफाई तथा सुखाने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएं ताकि भारतीय खाद्य निगम तथा राज्यं एजेंसियों द्वारा एक समान मानदंडों के पूर्णत: अनुरुप अच्छीन गुणवत्ताप का खाद्यान्नभ खरीदा जाए। खरीद केन्द्रों पर मॉइश्च र (नमीमापक) मीटर, फिजिकल एनालिसिस किट आदि भी उपलब्ध् कराए जाने हैं। निर्देश दिए गए हैं कि अनाज की बोरियों की उचित सिलाई तथा स्टेंसिलिंग की जानी चाहिए। खरीदे गए खाद्यान्नों के स्टॉ क के सुरक्षित भंडारण के लिए डनेज सामग्री, तिरपाल तथा अन्य सामग्रियां भी उपलब्ध कराई जानी हैं। भारतीय खाद्य निगम तथा राज्य सरकारों के गुणवत्ता, नियंत्रण अधिकारी खरीद के समय खाद्यान्नोंब की गुणवत्ता की नियमित निगरानी करें।

खरीदे गए खाद्यान्नं कवर्ड गोदामों सहित कैप (कवर्ड एंड प्लिंनथ) भंडारण (केवल गेहूं और धान) में विभिन्नक अवधियों के लिए रखे जाने हैं। भंडारण के दौरान, भारतीय खाद्य निगम तथा राज्यअ एजेंसियों द्वारा खाद्यान्नों के सुरक्षित भंडारण के लिए वैज्ञानिक पद्धति संहिता अपनाई जानी हैं। कीड़ों और कीटों के नियंत्रण के लिए नियमित रोगहर तथा रोग निरोधक उपाय किए जाने हैं। गोदामों में नियमित रुप से उचित वातायन, सफाई तथा ब्रशिंग (खाद्यान्नोंस की बोरियों की) की जानी आवश्यंक है।

भारतीय खाद्य निगम तथा राज्यज एजेंसियों के गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारियों को खाद्यान्नोंत की श्रेणी तथा कीटों की मौजूदगी सहित खाद्यान्नों की गुणवत्ताि की नियमित निगरानी करना अपेक्षित है। इन निरीक्षणों तथा उपचारात्‍क उपायों को गोदाम में प्रत्येजक चट्टे के स्टैाक कार्ड पर प्रदर्शित किया जाना है। यदि निरीक्षणों/पर्यवेक्षणों के दौरान खाद्यान्नोंो के स्टॉजक की क्षति देखी जाती है तब इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए तथा दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

इसी प्रकार राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को खाद्यान्नोंप के वितरण के समय लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा अन्यय कल्या्णकारी स्की्मों के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा मानदंडों को पूरा करने वाले अच्छीष गुणवत्तात वाले खाद्यान्नों् को जारी करना सुनिश्चिात करने के लिए राज्यअ सरकार के प्राधिकारियों तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा स्टॉ‍क के संयुक्तं निरीक्षण तथा नमूना लेने की सुपरिभाषित प्रक्रिया है। इस विभाग ने लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अच्छी् गुणवत्ता वाले खाद्यान्नों की आपूर्ति सुनिश्चिवत करने के लिए सभी राज्य सरकारों/संघ राज्यण क्षेत्र प्रशासनों के खाद्य सचिवों तथा भारतीय खाद्य निगम को निम्न्लिखित निर्देश जारी किए हैं:-

  • लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कीटरहित तथा खाद्य सुरक्षा मानदंडों को पूरा करने वाले अच्छी गुणवत्ताव वाले खाद्यान्न ही जारी किए जाएं।
  • राज्यत सरकारों को भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से खाद्यान्नों के स्टॉनक उठाने से पहले खाद्यान्नोंा की गुणवत्ता‍ की जांच करने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए जाने हैं।
  • लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जारी किए जाने वाले खाद्यान्नों में से खाद्यान्नोंा के नमूने भारतीय खाद्य निगम तथा राज्यव के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा संयुक्ते रुप से एकत्रित तथा सील किए जाने हैं।
  • राज्य सरकारों द्वारा एक अधिकारी को भारतीय खाद्य निगम के गोदामों से खाद्यान्नोंक के स्टॉ्क की सुपुर्दगी लेने के लिए नियुक्ता किया जाना है जिसका रैंक निरीक्षक से कम न हो।
  • राज्यि सरकार के अधिकारियों द्वारा खाद्यान्नों की गुणवत्ताा की जांच के लिए नियमित निरीक्षण तथा मंत्रालय के गुणवत्ता‍ नियंत्रण सैलों के अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किए जाने हैं।
  • वितरण श्रृंखला के विभिन्ने चरणों में परिवहन तथा भंडारण के दौरान खाद्यान्नोंन में अपेक्षित गुणवत्ताद विनिर्दिष्टि)यां बनी रहें, यह सुनिश्चिरत करना संबंधित राज्यक सरकार/संघ राज्ये क्षेत्र प्रशासनों की जिम्मेददारी है।
  • जहां विकेन्द्रीहकृत खरीद की प्रक्रिया है वहां राज्यब सरकार को यह सुनिश्चिजत करना चाहिए कि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा अन्य‍ कल्यादणकारी स्की मों के अंतर्गत जारी खाद्यान्नय खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम के अंतर्गत अपेक्षित मानदंडों का पूरा करते हैं।

जब कभी उपभोक्ता ओं को घटिया गुणवत्ताक के खाद्यान्नोंव के वितरण की घटना की जानकारी मिलती है, जिम्मे वार अधिकारियों के विरुद्ध तत्कापल कार्रवाई की जानी है।

यद्यपि भारत सरकार द्वारा खाद्यान्नों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं, किन्तुा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इसे सुनिश्चिनत करना राज्यन सरकार/संघ राज्यर क्षेत्र प्रशासनों की भी जिम्मेजवारी है। भारत सरकार द्वारा भारतीय अनाज संचयन प्रबंधन संस्थातन, हापुड़ तथा इसके लुधियाना तथा हैदराबाद स्थितत फील्डी स्टे शनों के माध्याम से राज्य् सरकार/संघ राज्या क्षेत्र प्रशासनों के खाद्यान्नों के रखरखाव में शामिल कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित किए जाते हैं।